Last updated on April 20th, 2023 at 02:38 am
Jharkhand PGT Hindi Syllabus 2023 – झारखंड पीजीटी हिन्दी सिलेबस यहाँ से आप पढ़ सकते हैं। यह सिलेबस आपको आपकी परीक्षा की तैयारी में काफी मदद करता है। सभी अभ्यर्थी परीक्षा की तैयारी प्रारंभ करने से पहले इस पाठ्यक्रम को अच्छे से पढ़ लें।
नीचे दिये गये संपूर्ण परीक्षा स्वरूप को ध्यान में रखकर आपकी तैयारी करते रहें।
झारखंड पीजीटी परीक्षा पैटर्न
परीक्षा का स्वरूप : आयोग द्वारा कम्प्यूटर आधारित परीक्षा ( CBT) ली जायेगी तथा किसी विषय की परीक्षा यदि विभिन्न समूहो में लिया जाता है तो अभ्यर्थियों के प्राप्तांक का Normalisation किया जायेगा। कम्प्यूटर आधारित परीक्षा के आधार पर अभ्यर्थियों की मेधा सूची उनके प्राप्तांक के Normalised अंक के आधार पर तैयार किया जायेगा तथा परीक्षाफल प्रकाशन के पश्चात उन्हें Normalised अंक ही दिया जायेगा।
परीक्षा का स्वरूप एवं पाठ्यक्रम :
(क) परीक्षा एक चरण ( मुख्य परीक्षा) में ली जायेगी।
(ख) परीक्षा में सभी प्रश्न वस्तुनिष्ठ एवं बहुविकल्पीय उत्तर युक्त होंगे। प्रश्न पत्र-( – (1) में एक प्रश्न का पूर्ण अंक 1 (एक) रहेगा, जबकि प्रश्न पत्र- (2) में एक प्रश्न का पूर्ण अंक 2 (दो) होगा। प्रश्न पत्र-1 एवं प्रश्न पत्र-2 में गलत उत्तर के लिए अंको की कटौती नहीं की जायेगी।
मुख्य परीक्षा के विषय एवं पाठ्यक्रम :
मुख्य परीक्षा के लिए दो पत्र होंगे। यह परीक्षा दो पालियों में ली जायेगी। प्रत्येक पत्र के परीक्षा की अवधि 3 घंटा की होगी। प्रश्न पत्र- (1) में स्नातक स्तर के प्रश्न पूछे जायेंगे जबकि प्रश्न पत्र- (2) में प्रश्न स्नातकोत्तर स्तरीय होंगे।
क) पत्र -1 (सामान्य ज्ञान एवं हिन्दी भाषा की परीक्षा)
ख) पत्र – 2 (जिस विषय में नियुक्ति होनी है उस विषय की परीक्षा) – 100 अंक 300 अंक
पत्र – 1 (सामान्य ज्ञान एवं हिन्दी भाषा की परीक्षा)
(I) (क) सामान्य ज्ञान
सामान्य अध्ययन : – इसमें प्रश्नों का उद्देश्य अभ्यर्थी की सामान्य जानकारी तथा समाज में उनके अनुप्रयोग के सम्बन्ध में उसकी योग्यता की जाँच करना होगा। वर्तमान घटनाओं और दिन-प्रतिदिन की घटनाओं के सूक्ष्म अवलोकन तथा उनके प्रति वैज्ञानिक दृष्टिकोण जैसे मामलों की जानकारी जिसे रखने की किसी भी शिक्षित व्यक्ति से अपेक्षा की जाती है। इसमें झारखण्ड, भारत और पड़ोसी देशों के संबंध में विशेष रूप से यथा संभव प्रश्न पूछे जा सकते है। सम-सामायिक विषय- वैज्ञानिक प्रगति, राष्ट्रीय / अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार, भारतीय भाषाएं, पुस्तक, लिपि, राजधानी, मुद्रा, खेल-खिलाड़ी, महत्वपूर्ण घटनाएं। भारत का इतिहास, संस्कृति, भूगोल, पर्यावरण, आर्थिक परिदृश्य, स्वतंत्रता आन्दोलन, भारतीय कृषि तथा प्राकृतिक संसाधनों की प्रमुख विशेषताएं एवं भारत का संविधान एवं राज्य व्यवस्था, देश की राजनीतिक प्रणाली, पंचायती राज, सामुदायिक विकास, पंचवर्षीय योजना।
झारखण्ड राज्य की भौगोलिक स्थिति एवं राजनीतिक स्थिति की सामान्य जानकारी ।
(ख) सामान्य विज्ञान : – सामान्य विज्ञान के प्रश्न पत्र में दिन-प्रतिदिन के अवलोकन एवं अनुभव पर आधारित विज्ञान की सामान्य समक्ष एवं परिबोध से संबंधित प्रश्न रहेगें, जैसा कि एक सुशिक्षित व्यक्ति से, जिसने किसी विज्ञान विषय का विशेष अध्ययन नहीं किया हो, अपेक्षित है।
(ग) सामान्य गणित : – इस विषय में सामान्यतः अंक गणित, प्राथमिक बीजगणित, ज्यामिति, सामान्य त्रिकोणमिति, क्षेत्रमिति से संबंधित प्रश्न रहेगें। सामान्यतः इसमें मैट्रिक/10वी॰ कक्षा स्तर के प्रश्न रहेगें।
(घ) मानसिक क्षमता जाँच : – इसमें शब्दिक एवं गैर शब्दिक दोनो प्रकार के प्रश्न रहेंगे। इस घटक में निम्न से संबंधित यथासंभव प्रश्न पूछे जा सकते है सादृष्य समानता एवं भिन्नता, स्थान कल्पना, समस्या समाधान, विश्लेषण, दृश्य स्मृति, विभेद अवलोकन, संबंध अवधारणा, अंक गणितीय तर्कशक्ति, अंक गणितीय संख्या श्रृंखला एवं कूट लेखन तथा कूट व्याख्या इत्यादि।
(ड) कम्प्यूटर का मूलभूत ज्ञान (Fundamenal knowledge of Computer ) : – इसमें कम्प्यूटर के विभिन्न उपकरणों, एम. एस. विन्डो ऑपरेटिंग सिस्टमएम॰ एस॰ ऑफिस एवं इंटरनेट संचालन की विधि की जानकारी से संबंधित प्रश्न पूछे जा सकते है।
(च) झारखण्ड राज्य के भूगोल, इतिहास, सभ्यता संस्कृति, भाषा – साहित्य, स्थान, खान खनिज, उद्योग, राष्ट्रीय आंदोलन में झारखण्ड का योगदान, विकास योजनाएँ, खेल-खिलाड़ी, व्यक्तित्व, नागरिक उपलब्धियाँ राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय महत्व के विषय इत्यादि ।
(II) हिन्दी भाषा ज्ञानः– हिन्दी भाषा ज्ञान के अधीन हिन्दी अपठित अनुच्छेद (Unseen Passage) तथा हिन्दी व्याकरण पर आधारित प्रश्न पूछे जायेंगे ।
Jharkhand PGT Hindi Syllabus 2023 – झारखंड सिलेबस हिन्दी सिलेबस
मुख्य परीक्षा अन्तगर्त प्रश्न पत्र – 2 का पाठ्यक्रम
विषय : हिन्दी भाषा एवं साहित्य
(HINDI LANGUAGE & LITERATURE)
(क) हिन्दी भाषा का इतिहास
1. अपभ्रंश, अवहट्ट, और पुरानी हिन्दी की भाषिक विशेषताएँ
2. मध्यकाल में अवधी और ब्रज का साहित्यिक भाषा के रूप में विकास
3. उन्नीसवीं शती में खड़ी बोली का साहित्यिक भाषा के रूप में विकास
4. हिन्दी भाषा और नागरी लिपि का मानकीकरण
5. स्वाधीनता संघर्ष के समय राष्ट्रभाषा के रूप में हिन्दी का विकास
6. भारत संघ की राजभाषा के रूप में हिन्दी का विकास
7. हिन्दी का तकनीकी एवं प्रायोजनिक विस्तार
8. हिन्दी की प्रमुख बोलियाँ और उनका पारस्परिक सम्बन्ध
9. मानक हिन्दी की व्याकरणिक संरचना
10. झारखण्ड की भाषाओं और बोलियों का सामान्य परिचय
हिन्दी साहित्य का इतिहास
1. हिन्दी साहित्य के इतिहास लेखन की परम्परा
2. हिन्दी साहित्य के प्रमुख कालों- आदिकाल, भक्तिकाल, रीतिकाल, आधुनिक काल की प्रमुख साहित्यिक प्रवृत्तियाँ
3. हिन्दी गद्य का विकास और उन्नीसवीं शती का नवजागरण
4. आधुनिक हिन्दी कविता की प्रमुख प्रवृत्तियाँ – छायावाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, नई कविता, समकालीन कविता, नवगीत, गजल ।
5. हिन्दी उपन्यास की परम्परा और यथार्थवाद
6. हिन्दी कहानी का विकास और प्रमुख कहानीकार
7. हिन्दी नाटक की परम्परा और हिन्दी रंगमंच
8. हिन्दी में आलोचना का विकास और प्रमुख आलोचक
9. हिन्दी गद्य की अन्य विधाएँ – संस्मरण, ललित निबन्ध, आत्मकथा, व्यग्य, लघुकथा
10. झारखण्ड का हिन्दी साहित्य
ग) पद्य कृतियाँ
कबीर | कबीर ग्रंथावली (संपादक – श्यामसुन्दर दास) प्रारंभिक 100 पद |
सूरदास | भ्रमरगीत सार (संपादक रामचन्द शुक्ल ) प्रारंभिक 200 पद |
तुलसीदास | रामचरितमानस- अयोध्या कांड, कवितावली–उत्तरकांड |
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला | रागविराग (संपादक – रामविलास शर्मा) राम की शक्तिपूजा और सरोज- स्मृति |
जयशंकर प्रसाद | कामायनी (चिंता, श्रद्धा और लज्जा सर्ग) |
रामधारी सिंह दिनकर | कुरूक्षेत्र |
भारतेन्दु हरिशचन्द्र | भारत दुर्दशा |
जयशंकर प्रसाद | स्कन्दगुप्त |
मोहन राकेश | आषाढ़ का एक दिन |
प्रेमचन्द | गोदान |
फणीश्वरनाथ रेणु | मैला आंचल |
प्रेमचन्द | मानसरोवर, भाग – 1 |
रामचन्द्र शुक्ल | चिंतामणि, भाग 1 (भाग और मनोविकार, श्रद्धा और भक्ति, लोभ और प्रीति, कविता क्या है, काव्य में लोकमंगल की साधनावस्था) |
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