Jharkhand PGT Sanskrit Syllabus 2023 – झारखंड पीजीटी संस्कृत सिलेबस यहाँ से पढ़ सकते हैं। इस सिलेबस के माध्यम से आपको यह जानकारी मिलेगी कि आपको इस परीक्षा के लिए क्या और कितना पढ़ना है।
झारखंड पीजीटी संस्कृत सिलेबस को अलग अलग भागों में बाँटा गया है। आयोग के द्वारा आश्वासन दिया गया है कि प्रश्न दिये गये पाठ्यक्रम से ही पूछे जाएँगे। सभी अभ्यर्थी सिलेबस को अच्छे से पढ़ लें उसके बाद आपकी परीक्षा की तैयारी प्रारंभ करें।
झारखंड पीजीटी परीक्षा पैटर्न
परीक्षा का स्वरूप : आयोग द्वारा कम्प्यूटर आधारित परीक्षा ( CBT) ली जायेगी तथा किसी विषय की परीक्षा यदि विभिन्न समूहो में लिया जाता है तो अभ्यर्थियों के प्राप्तांक का Normalisation किया जायेगा। कम्प्यूटर आधारित परीक्षा के आधार पर अभ्यर्थियों की मेधा सूची उनके प्राप्तांक के Normalised अंक के आधार पर तैयार किया जायेगा तथा परीक्षा फल प्रकाशन के पश्चात उन्हें Normalised अंक ही दिया जायेगा।
परीक्षा का स्वरूप एवं पाठ्यक्रम :
(क) परीक्षा एक चरण ( मुख्य परीक्षा) में ली जायेगी।
(ख) परीक्षा में सभी प्रश्न वस्तुनिष्ठ एवं बहुविकल्पीय उत्तर युक्त होंगे। प्रश्न पत्र-( – (1) में एक प्रश्न का पूर्ण अंक 1 (एक) रहेगा, जबकि प्रश्न पत्र- (2) में एक प्रश्न का पूर्ण अंक 2 (दो) होगा। प्रश्न पत्र-1 एवं प्रश्न पत्र-2 में गलत उत्तर के लिए अंको की कटौती नहीं की जायेगी।
मुख्य परीक्षा के विषय एवं पाठ्यक्रम :
मुख्य परीक्षा के लिए दो पत्र होंगे। यह परीक्षा दो पालियों में ली जायेगी। प्रत्येक पत्र के परीक्षा की अवधि 3 घंटा की होगी। प्रश्न पत्र- (1) में स्नातक स्तर के प्रश्न पूछे जायेंगे जबकि प्रश्न पत्र- (2) में प्रश्न स्नातकोत्तर स्तरीय होंगे।
क) पत्र -1 (सामान्य ज्ञान एवं हिन्दी भाषा की परीक्षा)
ख) पत्र – 2 (जिस विषय में नियुक्ति होनी है उस विषय की परीक्षा) – 100 अंक 300 अंक
पत्र – 1 (सामान्य ज्ञान एवं हिन्दी भाषा की परीक्षा)
(I) (क) सामान्य ज्ञान
सामान्य अध्ययन : – इसमें प्रश्नों का उद्देश्य अभ्यर्थी की सामान्य जानकारी तथा समाज में उनके अनुप्रयोग के सम्बन्ध में उसकी योग्यता की जाँच करना होगा। वर्तमान घटनाओं और दिन-प्रतिदिन की घटनाओं के सूक्ष्म अवलोकन तथा उनके प्रति वैज्ञानिक दृष्टिकोण जैसे मामलों की जानकारी जिसे रखने की किसी भी शिक्षित व्यक्ति से अपेक्षा की जाती है। इसमें झारखण्ड, भारत और पड़ोसी देशों के संबंध में विशेष रूप से यथा संभव प्रश्न पूछे जा सकते है। सम-सामायिक विषय- वैज्ञानिक प्रगति, राष्ट्रीय / अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार, भारतीय भाषाएं, पुस्तक, लिपि, राजधानी, मुद्रा, खेल-खिलाड़ी, महत्वपूर्ण घटनाएं। भारत का इतिहास, संस्कृति, भूगोल, पर्यावरण, आर्थिक परिदृश्य, स्वतंत्रता आन्दोलन, भारतीय कृषि तथा प्राकृतिक संसाधनों की प्रमुख विशेषताएं एवं भारत का संविधान एवं राज्य व्यवस्था, देश की राजनीतिक प्रणाली, पंचायती राज, सामुदायिक विकास, पंचवर्षीय योजना।
झारखण्ड राज्य की भौगोलिक स्थिति एवं राजनीतिक स्थिति की सामान्य जानकारी ।
(ख) सामान्य विज्ञान : – सामान्य विज्ञान के प्रश्न पत्र में दिन-प्रतिदिन के अवलोकन एवं अनुभव पर आधारित विज्ञान की सामान्य समक्ष एवं परिबोध से संबंधित प्रश्न रहेगें, जैसा कि एक सुशिक्षित व्यक्ति से, जिसने किसी विज्ञान विषय का विशेष अध्ययन नहीं किया हो, अपेक्षित है।
(ग) सामान्य गणित : – इस विषय में सामान्यतः अंक गणित, प्राथमिक बीजगणित, ज्यामिति, सामान्य त्रिकोणमिति, क्षेत्रमिति से संबंधित प्रश्न रहेगें। सामान्यतः इसमें मैट्रिक/10वी॰ कक्षा स्तर के प्रश्न रहेगें।
(घ) मानसिक क्षमता जाँच : – इसमें शब्दिक एवं गैर शब्दिक दोनो प्रकार के प्रश्न रहेंगे। इस घटक में निम्न से संबंधित यथासंभव प्रश्न पूछे जा सकते है सादृष्य समानता एवं भिन्नता, स्थान कल्पना, समस्या समाधान, विश्लेषण, दृश्य स्मृति, विभेद अवलोकन, संबंध अवधारणा, अंक गणितीय तर्कशक्ति, अंक गणितीय संख्या श्रृंखला एवं कूट लेखन तथा कूट व्याख्या इत्यादि।
(ड) कम्प्यूटर का मूलभूत ज्ञान (Fundamenal knowledge of Computer ) : – इसमें कम्प्यूटर के विभिन्न उपकरणों, एम. एस. विन्डो ऑपरेटिंग सिस्टमएम॰ एस॰ ऑफिस एवं इंटरनेट संचालन की विधि की जानकारी से संबंधित प्रश्न पूछे जा सकते है।
(च) झारखण्ड राज्य के भूगोल, इतिहास, सभ्यता संस्कृति, भाषा – साहित्य, स्थान, खान खनिज, उद्योग, राष्ट्रीय आंदोलन में झारखण्ड का योगदान, विकास योजनाएँ, खेल-खिलाड़ी, व्यक्तित्व, नागरिक उपलब्धियाँ राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय महत्व के विषय इत्यादि ।
(II) हिन्दी भाषा ज्ञानः– हिन्दी भाषा ज्ञान के अधीन हिन्दी अपठित अनुच्छेद (Unseen Passage) तथा हिन्दी व्याकरण पर आधारित प्रश्न पूछे जायेंगे ।
Jharkhand PGT Sanskrit Syllabus in Detail
विषय : संस्कृत भाषा और साहित्य (SANSKRIT LANGUAGE & LITERATURE)
1 – संस्कृत भाषा का उद्भव और विकास (भारतीय यूरोपीय से मध्य भारतीय आर्य भाषाओं तक) केवल सामान्य रूप रेखा ।
2 – साहित्य के इतिहास का साधारा ज्ञान साहित्य समीक्षा के प्रमुख सिद्धान्त । महाकाव्य नाटक, गद्य काव्य, गीतिकाव्य और संग्रह – ग्रंथ आदि साहित्यिक विधाओं का उद्भव और विकास।
3 – प्राचीन भारतीय संस्कृति और दर्शन जिसमें वर्णाश्रम व्यवस्था, संस्कार और प्रमुख दार्शनिक प्रवृत्तियों पर विशेष बल दिया जाए ।
4 – निम्नलिखित कृतियों का सामान्य अध्ययन
(क) काठोपनिषद्
(ख) भगवदगीता
(ग) बुद्धचरितम (अश्वघोष)
(घ) स्वप्न बासवदत्तम् – (भाष)
(ड) अभिज्ञानशाकुन्तलम् (कालिदास )
(च) मेघदूतम् (कालिदास)
(छ) रघुवंशम् ( कालिदास)
(ज) कुमारसंभवम् ( कालिदास )
(झ) मृच्छकटिकम् (शुदक)
(ञ) किराताजुनीयम (भारवि )
(ट) शिशुपाल वधम् (माध)
(ठ) उत्तर रामचरितम् (भवभूति)
(ड) मुद्राराक्षस (विशाखा दत्त)
(ढ) नेषधवरितम् (श्रीहर्ष )
(ण) राज तरंगिणी (कल्हण )
(त) नीतिशतकम् (भतृहरि )
(थ) कादम्बरी (वाणभट्ट)
(द ) हर्षचरितम् (वाणभट्ट)
(ध) दशंकुमारचरितम (दण्डी)
(न) प्रबोध चन्द्रोदयम् (कृप्ले मिश्र)
चुनी हुई निम्नलिखित पाठ्य सामग्री के मौलिक अध्ययन का प्रमाणः-पाठ्यग्रन्थ : केवल इन्ही ग्रंथों से प्रश्न पूछे जायेंगे।
1 – कठोपनिषद् एक अध्याय – तृत्तीय बल्ली (श्लोक 10 से 15 तक) ।
2 – भगवद्गीता अध्याय 2 ( श्लोक 13 से 25 तक)।
3 – बुद्धचरित तृतीय सर्ग (श्लोक 1 से 10 तक ) ।
4 – स्वप्न वासवदत्तम् (पृष्ठ अंक) ।
5 – अभिज्ञान शाकुन्तलम् (चतुर्थ अंक)
6 – मेघदूतम् (प्रारंभिक श्लोक 1 से 10 तक ) ।
7 – किंरतार्जुनीयम् (प्रथम सर्ग ) ।
8 – उत्तर रामचरितम् (तृतीय अंक) ।
9 – नीतिशतकम् (श्लोक 1 से 10 तक) ।
10 – कादम्बरी (शुकनासोपपेश ) ।
11 – कौटिल्य अर्थशास्त्र प्रथम अधिकरण, प्रथम प्रकरण-दूसरा अध्याय शीर्षक विधासमृददेसाह, तत्र अनविकसिकी स्थापना तथा सातवाँ प्रकरण – ग्यारहवाँ अध्याय शीर्षक गू धूरशेत्पतिप निर्धारित संस्करण और पी कांगल कौटिल्य अर्थशास्त्र भाग
(1) एक आलोचनात्मक संस्करण मोतीलाल बनारसी दास दिल्ली – 1986 ) ।
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झारखंड पीजीटी संस्कृत 2023 कितने पद है?
झारखंड पीजीटी संस्कृत में कुल 169 पद स्वीकृत हैं। आयोग पदों की संख्या में कमी या वृद्धि कर सकता है।