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NET JRF Home Science Syllabus in Hindi – नेट जेआरएफ़ गृह विज्ञान सिलेबस

NET JRF Home Science Syllabus in Hindi – नेट जेआरएफ़ गृह विज्ञान सिलेबस

  • इकाई-I खाद्य एवं पोषण
  • इकाई-II पोषण एवं आहार विज्ञान
  • इकाई-III टेक्सटाइल
  • इकाई-IV परिधान डिज़ाइनिंग
  • इकाई-V संसाधन व्यवस्था, वित्त एवं उपभोक्ता के सरोकार
  • इकाई-VI आवसीय एवं आन्तरिक डिजाइन
  • इकाई-VII बाल / मानव विकास
  • इकाई-VIII पारिवारिक अध्ययन
  • इकाई- IX विकास हेतु संचार
  • इकाई – X विकास प्रबन्धन एवं समुदाय विकास

 

इकाई-I खाद्य एवं पोषण

  1. खाद्य विज्ञान एवं पोषण।
  2. खाद्य के लक्षण – भौतिक एवं रसायनिक लक्षण।
  3. खाद्यों की गुणवत्ता का मूल्यांकन – व्यक्तिपरक एवं वस्तुपरक ।
  4. पोषणात्मक तत्त्वों और अन्य भौतिक पैरामीटरों, खाद्य परिरक्षण और अनुप्रयोग पर पकाने एवं प्रक्रमण तकनीकों का प्रभाव।
  5. खाद्य वर्णक एवं योगज
  6. खाद्य मानक, खाद्य का सूक्ष्मजीव वैज्ञानिक सुरक्षा एच ए सी सी पी, खाद्य पैकेजिंग।
  7. खाद्य सेवा के परिपेक्ष्य – मेनू योजना, खाद्य लागत विश्लेषण
  8. नव उत्पाद का विकास – नैनो तकनीक
  9. संस्थात्मक स्तर पर खाद्य सेवा का प्रबंधन – अस्पताल, शैक्षणिक संस्थाएं सामजिक एवं विशिष्ठ संस्थाएँ।
  10. अनुसंधान विधि अनुसंधान में मूलभूत प्रश्न अवधारणा आवश्यकता / प्रांसगिकता, विषय-क्षेत्र, अनुसंधान में नैतिकता।

 

इकाई-II पोषण एवं आहार विज्ञान

  1. खाद्य वर्ग – संतुलित आहार, खाद्य पिरामिड, बृहद एवं सूक्ष्म पोषक तत्व ।
  2. पोषक तत्व – शरीर में पोषक तत्वों की भूमिका, भारतीयों में पोषण संबंधी कमियाँ और पोषक तत्वों की आवश्यकता।
  3. पब्लिक स्वास्थ्य पोषण।
  4. जीवनावस्था पोषण  शारीरिक परिवर्तन, विकास और वृद्धि, जीवन में पर्याप्त पोषण की आवश्यकता और दिशानिर्देश, पोषणता संबंधी सरोकार ।
  5. समुदायिक पोषण, खिलाड़ी का पोषण, आपात कालीन एवं आपदा के दौरान पोषण।
  6. पोषणगत मूल्यांकन विधियां और तकनीकें ।
  7. पोषणपरक हस्तक्षेप राष्ट्रीय पोषण नीतियाँ एवं कार्यक्रम, खाद्य एवं पोषण सुरक्षा।
  8. नैदानिक एवं उपचारात्मक पोषण-कारक।
  9. आहार उपबंधन प्रबन्धन
  10. अनुसंधान विधि अनुसंधान डिजाइन : अनुसांधन के सिद्धन्त और मन्तव्य ।

 

इकाई-III टेक्सटाइल

  1. टेक्सटाइल की शब्दावाली, रेशाधागा, बुनाई एवं वस्त्र इत्यादि, रेशों का वर्गीकरण, धागे व बुनाई का वर्गीकरण, रेशों व बुनाई की पहचान।
  2. प्रमुख प्राकृतिक व मानव निर्मित रेशों की निर्माण प्रक्रिया, विशेषताएँ तथा प्रयोग।
  3. वस्त्र निर्माण की विभिन्न विधियाँ – बुने वस्त्र, निटिड वस्त्र व नोन वोवन वस्त्र इनकी विशेषताएँ व उपयोग
  4. वस्त्र पर परिसज्जाऐ वर्गीकरण प्रक्रियाऐ तथा उद्देश्य ।
  5. रंगाई व छपाई का वर्गीकरण ब्लाक छपाई की प्रक्रिया, टाई व डाई, बाटिक, रोलर छपाई, स्क्रीन छपाई, डिस्चार्ज छपाई, हीट ट्रान्सफर छपाई तथा डिजिटाईज़ड छपाई।
  6. भारत के विविध प्रान्तों के पारम्पारिक वस्त्र – कढाई के वस्त्र, छपाई के वस्त्र, रंगे वस्त्र, बुने वस्त्र । रेशों, विधि, नमुने, रंग, तकनीक व डिजाईन के आधार पर पारम्परिक वस्त्रों की पहचान।
  7. वस्त्र का परीक्षण व गुणवत्ता नियंत्रण – परीक्षण की आवश्यकता सेम्पलिंग विधि, वस्त्र परीक्षण की तकनीक, रेशे, धागा, वस्त्र व परिधान के परीक्षण की तकनीक, वस्त्रों के रंग का पक्कापन, सिकुडन, पिलिंग तथा जी. एस. एम इत्यादि निकलना।
  8. वस्त्र व पर्यावरण पर्यावरण हितैषी वस्त्र, प्रतिबंधित रंजक, दूषित व गंदे जल का पर्यावरण हितैषी लेबल व चिन्ह।
  9. वस्त्र व परिधान के क्षेत्र में हाल ही में हुआ विकास – नेनो टेक्स्टाइल, टेकनिकल टेक्स्टाईल, व्यवसायिक उपयुक्त परिधान, जीरो वेस्ट डिजाइनिंग, अपसाइकिलिंग व पुनः निर्माण, तकनीक।
  10. अनुसंधान विधि – अनुसंधान के प्रकार : विवरणात्मक, गुणनात्मक  प्रयोगात्मक, विश्लेणात्मक एवं परिमाणात्मक क्रिया

 

इकाई-IV परिधान डिज़ाइनिंग 

  1. नाप लेना – आवश्यकता विधि, मानव आकृति के प्रकार तथा एन्थ्रोपोमिटरी (anthropometry )
  2. परिधान निर्माण के उपकरण – सिलाई मशीन के विधि प्रकार व भाग, सिलाई मशीन पर उपयुक्त विविध संलग्नक (attachments) व उन्नत सामग्री।
  3. डिज़ाइनिंग के सिद्धान्त व तत्व तथा उनका परिधान निर्माण में उपयोग, परिधान के भाग व चित्रण।
  4. फैशन – शब्दावली, फैशन चक्र, फैशन सिद्धान्त, फैशन अपनाना, फैशन पूर्वानुमान, फैशन अपनाना, – फैशन पूर्वानुमान, फैशन को प्रभावित करने वाले कारक।
  5. पैट्रन बनाना – ड्राफटिंग, ड्रेपिंग व फ्लेट पेपर पैट्रन बनना, पैट्रन में परिवर्तन तथा डार्ट मेनिप्यूलेशन तकनीक।
  6. परिधान निर्माण – शब्दावली व निर्माण विधि, उपयुक्त मशीनों व सिलाईयों का चयन। वस्त्र से परिधान निर्माण की प्रक्रिया।
  7. परिधान गुणवत्ता परीक्षण गुणवत्ता मानक तथा विशिष्टताएं, गुणवत्ता मापदण्ड, वस्त्र व परिधान के दोष।
  8. परिधान का रखरखाव व संरक्षण – धुलाई के सिद्धान्त, धुलाई के प्रतिक्रमक, वस्त्रो की संरक्षण तकनीक, देखरेख के लेबल व चिन्ह
  9. विभिन्न आयु के लिये परिधान का चयन । विविध उपयोग हेतु वस्त्रों का चयन
  10. अनुसंधान विधि प्राक्कल्पना : प्राक्कल्पना-जाँच, प्रकार, परिधि।

 

इकाई-V संसाधन व्यवस्था, वित्त एवं उपभोक्ता के सरोकार

  1. प्रबंधन – अवधारणा, उपागम, समय, उर्जा, मुद्रा, स्थल, प्रबंधन, अभिप्रेरण के सिद्धान्त, निर्णय लेना।
  2. प्रबन्धन योजना के कार्य, पर्यवेक्षण, नियन्त्रण, आयोजन, मूल्यांकन, परिवार जीवन चक्र, परिवार के जीवन-चक्र के विभिन्न पड़ावों में संसाधनों की उपलब्धता एवं उनका प्रयोग ।
  3. संसाधन • वर्गीकरण, लक्षण, संसाधनों के प्रयोग को प्रभावित करने वाले कारक, संसाधन संरक्षण, प्रकार और समय प्रबन्धन के उपकरण कार्य सरलीकरण तकनीकें, परिवर्तन की श्रेणियाँ, थकान नियंत्रण।
  4. प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन – भूमि, वन, जल, वायु, हरित आच्छादन, वर्षा संचयन, नगरपालिका के कूड़ा-कंकड़ का प्रबंधन, धारणीय विकास की संकल्पना, धारणीय विकास के लक्ष्य।
  5. मुद्रा प्रबन्धन परिवार की आय, प्रकार, अनुपूर्ण, बजटिंग, घरेलू लेखे, परिवार की बचत व निवेश, कर देयता, उपभोक्ता की साख
  6. मानव संसाधन व्यवस्थापन – कार्य, आवश्यकता, मानव संसाधन विकास, चुनौतियाँ, मानव संसाधन नियोजन, प्रशिक्षण की आवश्यकता का निर्धारण, प्रशिक्षण विधियाँ, प्रशिक्षण मूल्यांकन
  7. उपभोक्ता – परिभाषा, भूमिका, अधिकार एवं दायित्व, उपभोक्ता व्यवहार, उपभोक्ता की समस्याएं, शिक्षा एवं सशक्तिकरण
  8. उपभोक्ता सुरक्षा उपभोक्ता संगठन, उपभोक्ता सहकारी संस्थाएं – वैकल्पिक शिकायत निवारण मानवीकरण एवं गुणवत्ता नियंत्रण, मानक चिन्ह, क्रय सहायता, उपभोक्ता विधि –निर्माण
  9. उद्यमवृति विकास – अवधारणा, प्रकिया, अवरोध – उद्यमवृति अभिप्रेरणा, चुनौतियां, उद्यम लगाना, परियोजना आयोजन, परियोजना का मूल्यांकन एवं साध्यता, उद्यम प्रबंधन।
  10. अनुसंधान विधि – प्रतिचयन की (सैंपलिंग) तकनीकें : प्रतिचयन के प्रकार, प्रतिचयन कार्यविधि प्रसंभाव्यता, गैर संभाव्यता

 

इकाई-VI आवसीय एवं आन्तरिक डिजाइन

  1. डिजाइन के मूलभूत सिद्धान्त – कला के तत्व, डिजाइन के सिद्धान्त, रचना के सिद्धान्त।
  2. रंग – रंग के आयाम, रंग के मनोवैज्ञानिक प्रभाव, रंग-योजना, रंग प्रयोग को प्रभावित करने वाले कारक।
  3. स्थान योजना और आवास के डिजाइन, आवश्यकता और महत्त्व, स्थानों की योजना के सिद्धान्त, आवास योजना के प्रकार, विभिन्न आय समूहों के लिए आवास निर्माण
  4. निर्माण विनियम – मापदण्ड और मानक, क्षेत्र विभाजन, विशिष्ट समूहों और इलाको के लिए आवास, आवासीय वित्त ।
  5. आवासीय पर्यावरण निर्माण सामग्री पर्यावरण पर प्रभाव, ग्रीन रेटिंग सिस्टम, भवन निर्माण में उर्जा दक्षता, उर्जा अंकेक्षण, अन्तः शाल सुख सूचक
  6. ऊर्जा स्त्रोत के रूप में पारम्परिक और गैर-पारम्परिक स्त्रोत, नवीकरणीय / गैर नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा प्रबन्धन, ऊर्जा संरक्षण के राष्ट्रीय प्रयास।
  7. उत्पाद डिजाइन – डिजाइन विचार प्रक्रिया, प्रसारण, नवप्रवर्तन, डिज़ाइन संचार, एरगोनोमिकस सरोकार।
  8. एरगोनोमिकस – महत्त्व, विषय-विस्तार, मानव भित्ति, मानव, मशीन, पर्यावरम संबंध, कार्य की शारीरिक क्रियात्मक लागत को प्रभावित करने वाले कारक, समय और गति अध्ययन, ऊर्जा अध्ययन।
  9. फर्नीचर और साजसज्जा – ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य, वास्तु शिल्प-शैलियां, समयकलीन झुकाव, दीवार की साज-सज्ज, खिड़की और खिड़की उपचार ।
  10. अनुसंधान विधि – डाटा संग्रह के लिए उपकरणों का चयन एवं तैयारी : प्रश्नावली, साक्षात्कार, प्रेक्षण, पैमाने, श्रेणीकरण एवं माप, उपकरणो की विश्वसनीयता एवं वैधता

 

इकाई-VII बाल / मानव विकास

  1. वृद्धि और विकास के सिद्धान्त, गर्भवस्था के दौरान देखभाल तथा जन्म विकास।
  2. मानव विकास एवं व्यवहार संबंधी सिद्धान्त। म-पूर्व एवं जन्मोत्तर के दौरान
  3. बाल्यपन के प्रारम्भिक काल में देखभाल और शिक्षा समग्र विकास को प्रोत्साहित करने वाली क्रियाएं
  4. व्यक्तितत्व विकास पर परिवार, समवयस्कों, स्कूल, समुदाय और संस्कृति का प्रभाव।
  5. बच्चे और व्यक्ति जिन्हें आवश्यकताएं, देख-रेख और सहायता, विशेष शिक्षा, अयोग्यताओं की रोकथाम और पुनर्वास की आवश्यकता है।
  6. जोखिम में बाल-बाल श्रम, बेघर – बच्चे, निराश्रितों के बच्चे, अनाथ, शोषित बच्चे, और देह व्यापार
  7. कुमारवस्था और यौवन, परिवर्तन, अधिकतम विकास को प्रोत्साहित करने के लिए चुनौतियां एवं कार्यक्रम।
  8. वयस्वकता, लक्षण, वयस्कता के प्रारम्भिक एवं मध्यकाल में भूमिकाओं और दायित्वों में होने वाले परिवर्तन।
  9. वृद्धावस्था – शारीरिक एवं मनोवैज्ञानिक परिवर्तन।
  10. अनुसंधान विधि – परिवर्तियों के प्रकार और उनका चयन।

 

इकाई-VIII पारिवारिक अध्ययन

  1. विवाह और परिवारिक सम्बन्धों की गतिशीलता
  2. परिवार नियोजन, गर्भनिरोधक साधन
  3. घरेलू हिंसा, वैवाहिक असामाजस्य, झगडे और समाधान
  4. माता-पिता की शिक्षा, सकारत्मक पालन-पोषण, समुदाय शिक्षा
  5. परिवार विघटन, एकल जननी / जनक परिवार
  6. परिवार कल्याण कार्यक्रम
  7. मानव अधिकार, बाल अधिकार, महिला अधिकार, महिलाओं की स्थिति लैंगिग भूमिकाएँ
  8. जीवन-काल और देख-रेख करने वालो के लिए दिशा-निर्देश और उपबोधन
  9. जीवन-काल के विकास में स्वास्थ्य और कल्याण |
  10. अनुसंधान विधि – डाटा संग्रह, और उसका वर्गीकरण / संकेतीकरण, सारणीकरण, आनुमानिक आंकड़े।

 

इकाई- IX विकास हेतु संचार

  1. संचार के मूल प्रकृति, लक्षण, कार्य, प्रक्रिया, माडल, तत्व, सिद्धान्त, व्यवधान, प्रत्यक्ष ज्ञान, एवं तदनुभुति, श्रवण, अधिगम, संचार के प्रकार, संचार के संदर्भपरक चरण। समझाना-बुझाना
  2. संचार सिद्धान्त मानवीय संबाद सिद्धान्त, जन संचार, सिद्धान्त, संदेश डिजाइन सिद्धान्त, संचार पद्दतियाँ, संस्कृति एवं संचार ।
  3. विकास की अवधारणा, इसके सिद्धान्त, माडल, संकेतक एवं माप नाप
  4. विकास के ले संचार के लिए अवधारणा, माडल एवं उपागम, विसरण एवं नवप्रवर्तन और माप-नाप
  5. विकास में संचार की भूमिका विकाससात्मक पत्रकारिता की अवधारणा और अनुप्रयोगविकास के लिए लिखना, मुद्रित सामग्री, रेडियो, टीवी और इण्टरनेट का प्रयोग।
  6. विकासार्थ संचार के सरोकार – लिंग, स्वास्थय, पर्यावरण, धारणीयता, मानव अधिकार, जनसंख्या, साक्षरता, ग्रामीण विकास एवं जनजातीय विकास
  7. पक्ष समर्थन एवं व्यवहारिक बदलाव के लिए संचार : अवधारणा, सिद्धान्त, माडल, उपागम, अनुप्रयोग एवं चुनौतियां।
  8. विकास के लिए पारम्परिक, आधुनिक एवं नव मीडिया, गीत, कला, नृत्य, रंगमंचकठपुतली कलाओं के लोक स्वरूप, विज्ञापन, चलचित्र विकास के लिए आई.सी.टी, समुदाय रेडियो सहभागी विड़ियो, सोशल मीडिया तथा मोबाइल फोन ।
  9. विकासार्थ संचार के लिए कार्य कर रहे संगठन / एंजेसियाँ / संस्थान : अन्तर्राष्ट्रीय / राष्ट्रीय राज्य तथा स्थानीय।
  10. अनुसंधान विधि प्राचलिक और गैर-प्राचलिक आंकडों द्वारा डाटा का विश्वेषण ।

 

इकाई – X विकास प्रबन्धन एवं समुदाय विकास

  1. विस्तार के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य – विस्तार शिक्षा और विस्तार पद्धतियों की भारत तथा अन्य देशों में उत्पत्ति, विस्तार शिक्षा और विस्तार सेवाओं के उद्देश्य, विकास के लिए विस्तार कार्यक्रम के सिद्धान्त और दर्शन।
  2. कार्यक्रम प्रबंधन – जरुरतों का निराधरणीयकरण, स्थिति विश्लेशण, आयोजन, कार्यन्वयन, मानिट्रिगं एवं मूल्यांकन |
  3. विस्तार विधि एवं सामग्री : अन्तर – वैयक्तिक, लघु एवं वृहद् समूह विधि, दृश्य-श्रव्य सहायता सामग्री, आवश्यकता और महत्त्व, आयोजन, वर्गीकरण तैयारी एवं फील्ड परीक्षण, प्रयोग एवं मूल्यांकन
  4. विस्तार शिक्षा और विकासात्मक गतिविधियों के लिए पाठ्यचर्चा का विकास और आयोजन, ब्लूम की शैक्षिक उद्देश्यों और अधिगम के लिए वर्गीकरण विज्ञान।
  5. अन औपचारिक, प्रौढ़ एवं जीवन पर्यन्त शिक्षा ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य, अवधारणा, सिद्धान्त, उपागम, विषय-क्षेत्र, प्रयोग की गई पद्धतियां और सामग्री, कार्यन्वयन और मूल्यांकन में चुनौतियाँ, गैर औपचारिक शैक्षिक कार्यक्रम के अनुप्रयोग के सरोकर
  6. मानव संसाधन विकास के लिए प्रशिक्षण, कौशल विकास और सामर्थ्य निर्माण, प्रशिक्षण की विधियाँ, उद्यमवृति विकास।
  7. समुदाय विकास; परिप्रेक्ष्य, उपागम, सामुदायिक संगठन, नेतृत्व, समुदाय विकास के लिए सहायक संरचना, पंचायती राज संस्थाएं, गैर सरकारी सस्थाएँ तथा समुदाय आधारित संगठन।
  8. जन भागीदारी और स्टेक होल्डर के परिप्रेक्ष्य प्रतियोगिता अधिगम और क्रियाएं, पद्धतियाँ तथा तकनीकें।
  9. भारत में नगरीय, ग्रामीण और जनजातीय जनसूमहों के लिए विकास कार्यक्रम, पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा, मजदूरी, स्वरोजगार, महिला विकास, कौशल विकास और स्वच्छता, बुनयादि संरचना के लिए कार्यक्रम।
  10. अनुसंधान विधि – वैज्ञानिक रिपोर्ट लेखन – डाटा की प्रस्तुति, व्याख्या और परिचर्चा।

 

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