UPSSSC Combined Technical Service Syllabus या यूपीएसएससी सम्मिलित तकनीकी सेवा (सामान्य चयन) परीक्षा – 2016 के अन्तर्गत विज्ञापित विभिन्न पदों पर चयन हेतु लिखित परीक्षा की परीक्षा योजना एवं पाठ्यक्रम नीचे दिया गया है।
लिखित परीक्षा हेतु परीक्षा योजना निम्नानुसार होगी तथा प्रश्नपत्र वस्तुनिष्ठ एवं बहुवैकल्पिक प्रकार के होंगे
प्रश्नपत्र भाग | विषय | प्रश्नों की संख्या | निर्धारित अंक |
भाग-1 | सामान्य हिन्दी | 45 | 45 |
भाग-2 | सामान्य बुद्धि परीक्षण | 45 | 45 |
भाग-3 | सामान्य जानकारी | 45 | 45 |
भाग-4 | ट्रेड के विषय से संबंधित | 65 | 64 |
कुल योग | 200 | 200 |
परीक्षा का समय – दो घण्टा तीस मिनट
ट्रेड के विषय से संबंधित प्रश्न पृथक-पृथक तैयार किये जाएंगे।
नोट- उपर्युक्त परीक्षा हेतु निगेटिव मार्किंग (ऋणात्मक अंक) दिये जाने का प्राविधान है, जो कुल 1/4 अंक (25 प्रतिशत होगी)
भाग-1 सामान्य हिन्दी-
इस प्रश्न पत्र में अभ्यर्थियों से हिन्दी भाषा का ज्ञान तथा उनकी समझ एवं लेखन योग्यता के परीक्षण हेतु प्रश्न पूछे जायेंगे। यह प्रश्न पत्र माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश के हाई स्कूल परीक्षा के स्तर का होगा।
भाग – 2 सामान्य बुद्धि परीक्षण-
इस प्रश्न पत्र का उद्देश्य किसी नयी परिस्थिति को समझने, उसके विभिन्न तत्वों का विश्लेषण, पहचान करने तथा तर्क करने की योग्यता को मापना है। अतः इस प्रश्न पत्र में अनुदेशों को समझने, सम्बन्धों, संगतताओं का पता लगाने, निष्कर्ष निकालने और इसी प्रकार की बौद्धिक क्रियाओं पर आधारित प्रश्न होंगे ।
भाग-3- सामान्य जानकारी-
यह प्रश्नपत्र अभ्यर्थी के चारो ओर के वातावरण के बारे में उसकी सामान्य जानकारी तथा समाज में उसके इस्तेमाल के बारे में उसकी योग्यता आंकने के लिए है । इस प्रश्न पत्र में सम-सामायिक घटनाओं, प्रतिदिन दृष्टिगोचर होने वाले / अनुभव में आने वाले तथ्यों जिनमें भारतीय परिप्रेक्ष्य में ऐतिहासिक एवं भौगोलिक तथ्य भी सम्मिलित होंगे, के साथ-साथ अभ्यर्थियों के वैज्ञानिक पहलुओं के ज्ञान से संबंधित प्रश्न रखे जायेंगे ।
भाग-4
(1) अनुदेशक, चमड़ा कार्य-
चर्म उद्योग का इतिहास, चमड़े का प्रकार, चर्म प्राप्त करने के स्रोत, चर्म शोधन प्रक्रिया, चर्म से निर्मित विभिन्न वस्तुओं के निर्माण की विधियों, ग्रामीण अर्थव्यवस्था में चर्म उद्योग का योगदान, विभिन्न क्षेत्रों में चर्म से निर्मित वस्तुओं का उपयोग, सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनायें तथा कार्यक्रम एवं इससे संबंधित प्रश्न पूछे जायेंगे ।
( 2 ) – एक्स-रे तकनीशियन-
हयूमन एण्ड एनॉटमी एण्ड हयूमन फिजियोलॉजी, प्रोटेक्शन अगेन्स्ट रेडियोलॉजिकल हजार्डस, बेसिक एण्ड रेडियेशन फिजिक्स, बेसिक ओरियंटेशन आफ रेडियोथेरेपी, रेडियोलॉजिकल प्रोसीजर एण्ड डार्करूम प्रोसीजर रेडियोग्राफी एण्ड रेडियोग्राफी टेक्नीक, रीजनल रेडियोग्राफी एण्ड रेडियोलॉजिकल प्रोसीजर, इक्यूपमेन्ट्स फार रेडियोडाइग्नोसिस, अल्ट्रासोनोग्राफी एण्ड टेक्नीक आफ अल्ट्रासाउण्ड बेसिक्स ।
( 3 ) – राज अनुदेशक या अनुदेशक सिविल कार्य-
राज अनुदेशक के कार्य, राज अनुदेशक में प्रयुक्त होने वाली सामग्री तथा यन्त्र, बिल्डिंग मैटीरियल्स, बैचिंग, मिक्सिंग, आर०सी०सी०डिजाइन, वर्किंग स्ट्रैस मैथड, कम्पास, आर०सी०सी० वर्क, टिम्बर वर्क इत्यादि से संबंधित प्रश्न पूछे जायेंगे ।
(4) – अनुदेशक पावरलूम मशीन अनुरक्षण-
पावरलूम उद्योग का इतिहास, पावरलूम उद्योग में प्रयुक्त होने वाले सहायक उपकरण एवं सामग्री, तकनीकी, पावरलूम उद्योग के विभिन्न उत्पाद, भारत में पावलूम उद्योग के महत्वपूर्ण केन्द्र, भारतीय अर्थव्यवस्था में पावरलूम उद्योग की उपादेयता तथा प्रासंगिकता एवं इससे संबंधित प्रश्न पूछे जायेंगे ।
(5) अनुदेशक ड्राइंग एवं प्रिटिंग-
प्रिटिंग एवं ड्राइंग का इतिहास, प्रिटिंग मशीनों के प्रकार, डिजिटल प्रिंटिंग, ऑफसेट, प्रिंटिंग, स्कीन प्रिटिंग, प्रिंटिंग प्रासेस में प्रयोग होने वाले स्याही और पेपर के विभिन्न प्रकार, सहायक उपकरण, अर्थव्यवस्था में योगदान, प्रिटिंग मशीन से संबंधित नयी तकनीकें एवं इससे संबंधित प्रश्न पूछे जायेंगे ।
(6) अनुदेशक बुनाई –
बुनाई उद्योग का इतिहास, बुनाई उद्योग में प्रयुक्त होने वाले उपकरण एवं यन्त्र, रूई, सूत उत्पादन, उत्पाद सामग्री, तकनीकी, उपयोगिता, व्यापार तथा वाणिज्य, भारत बुनाई उद्योग के लिए प्रसिद्ध स्थान, ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बुनाई उद्योग की उपादेयता तथा प्रासंगिकता, सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनायें एवं कार्यक्रम एवं इससे संबंधित प्रश्न पूछे जायेंगे ।
(7) अनुदेशक साबुन फिनाइल-
साबुन फिनाइल उद्योग का इतिहास, साबुन फिनाइल बनाने की विभिन्न विधियाँ, साबुन फिनाइल बनाने में प्रयुक्त होने वाली सामग्री, विभिन्न प्रकार, ग्रामीण क्षेत्रों में साबुन फिनाइल उद्योग की उपयोगिता, साबुन फिनाइल के फायदे तथा नुकसान, ग्रामीण अर्थव्यवस्था में उद्योग की उपादेयता एवं प्रासंगिकता, सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनायें तथा कार्यक्रम एवं इससे संबंधित प्रश्न पूछे जायेंगे ।
( 8 ) – फर्मेसिस्ट (कम्पाउण्डर ) ( कारागार एवं महिला कल्याण विभाग के पदों हेतु )-
फार्मास्यूटिकल कैमिस्ट्री प्रथम एवं द्वितीय, फार्मा को ग्रॉसी, जैव रसायन और क्लिीनकल पैथालॉजी मानव शरीर रचना विज्ञान और शरीर विज्ञान, स्वास्थ्य शिक्षा और समुदाय फार्मेसी, औषध और विष विज्ञान, फार्मास्यूटिकल न्याय शास्त्र, ड्रग स्टोर और विजनेश मैनेजमेंट हास्पिटल और क्लिीनिकल फार्मेसी तथा प्रयोगात्मक से संबंधित प्रश्न पूछे जायेंगे | प्रश्नों का स्तर फार्मेसी में डिप्लोमा स्तर का होगा ।
( 9 ) – प्रयोगशाला सहायक ( जीव रसायन)
जैव रसायन का परिचय, प्रॉपर्टीज आफ वाटर, अम्ल और क्षार pH एवं बफर, कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण, अमीनो एसिड, एन्जाइन्स, न्यूक्लिक एसिड (RNA एवं DNA), प्रोटीन, चयापचय, प्रकाश संश्लेषण, विटामिन और शरीर खनिज और उनके कार्य । प्रसंस्करण की उपयुक्तता के लिए जैव रासायनिक मापदंडों के माध्यम से फल और सब्जी किस्मों की स्क्रीनिंग, औद्योगिक एंजाइमों की शुद्धि और उपयोग, फलों और सब्जियों और उनके प्रसंस्कृत उत्पादों में एंजाइमी और गैर एंजाइमी मलिनीकरण की व्यवस्था का अध्ययन, फलों और सब्जियों के प्रसंस्करण के लिए परिपक्वता मानकों का निर्धारण, फलों और सब्जियों में कीटनाशक अवशिष्ट का निर्धारण, खाद्यरंग रंगों के एक विकल्प के रूप में प्राकृतिक रंग पिगमेंट के उपयोग, फलों के भण्डारण एवं गुणवत्ता के सम्बनध में पकाने की कृतिम विधियों आदि से सम्बन्धित प्रश्न पूछे जायेंगे ।
( 10 ) – प्रयोगशाला सहायक – ( शरीर क्रिया विज्ञान)
शरीर किया विज्ञान का परिचय, फसल कटाई के बाद की समस्याओं विशेष रूप से मोम इमल्सन, त्वचा कोटिंग, विकास नियामकों और कोल्ड स्टोरेज के उपयोग के माध्यम से भंण्डारण और व्यवसायिक रूप से फलों और सब्जियों की ढुलाई, प्रसंस्करण के संबंध में फलों और सब्जियों के परिवक्वता निर्धारण, उपजाति स्क्रीनिंग तथा फलों को पकाने के मानकों का मूल्यांकन, फलों और सब्जियों को रखने की गुणवत्ता और प्रसंस्करण व्यवहार पर विभिन्न स्थूल और सूक्ष्म पोषक तथ्वों के प्रभाव का आंकलन, फलों और सब्जियों की भौतिक- रासायनिक गुणवत्ता, शैल्फ जीवन और प्रसंस्करण के व्यवहार पर पूर्व पैकेजिंग के प्रभाव का आकलन, फलों और सब्जियों की गुणवत्ता और भण्डारण व्यवहार पर विकास नियामकों और रसायनों का प्रभाव, विभिन्न फलों को पकाने के हार्मोन आदि से संबंधित प्रश्न पूछे जायेंगे ।
( 11 ) – प्रयोगशाला सहायक (रसायन)
आवर्त सारणी और परमाणु गुण, रासायनिक संतुलन आयोनिक संतुलन, गैसीय अवस्था, तरल अवस्था, ठोस अवस्था, हाइड्रोकार्बन, विलयन, परासरणी निर्जलीकरण से फल नास्ता तैयार करना, एन्जाइमेटिक उपचार द्वारा मुरब्बा बनाने की प्रक्रिया का सरलीकरण, साइट्रस मेडिका से पेक्टिन की तैयारी, विभिन्न पदार्थों के निर्माण में फलों का उपयोग, निर्जलित सब्जियों में क्लोरोफिल रंग का निर्धारण, अमरूद, आम, सेब आदि द्वारा फूट पाउडर और फ्लेक्स की तैयारी, फ्रूट जूस इमल्सन की तैयारी आदि से सम्बन्धित प्रश्न पूछे जायेंगे ।
( 12 ) – प्रयोगशाला सहायक (खाद्य प्रौद्योगिकी)-
प्रसंस्करण सिद्धान्त, खाद्य पैकेजिंग और भण्डारण, अनाज प्रसंस्करण और उत्पाद, तेल प्रसंस्करण, फलों और सब्जियों के प्रसंस्करण, बागान फसलों का प्रसंस्करण और उत्पाद, दूध और दूध उत्पादों का प्रसंस्करण, पशु उत्पादों का प्रसंस्करण, महत्वपूर्ण फल और सब्जियों आम, अमरूद, केला, आंवला, नींबू, मटर, प्याज, आलू, टमाटर, मिर्च आदि के प्रसंस्करण के लिए, उनकी उपयुक्तता के लिए अलग-अलग किस्मों का मूल्यांकन, विविध फलों और सबिज्यों की डिब्बाबंदी की विधियों का मानकीकरण, फूट बार, टॉफी, सूप पाउडर, फल आधारित पेय पदार्थ (अदरक, अमरूद, संतरा, पपीता और ताजा गन्ने का का रस) जैसे नए उत्पादों का विकास, घरेलू बाजार के लिए उत्पादों को विविधीकरण प्रदान करना, ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में विभिन्न फलों और सब्जियों के निर्जलीकरण के लिए सौर उर्जा का दोहन आदि से संबंधित प्रश्न पूछे जायेंगे ।
( 13 ) – प्रयोगशाला सहायक (सूक्ष्मजीव विज्ञान ) –
सूक्ष्मजीव विज्ञान का इतिहास, माइक्रोबियल चयापचय, सूक्ष्म – आग्रेनिज्म का सर्वे, माइक्रोआर्गनिज्म और हयूमन डिज़ीज़, एप्लाइड माइक्रोबायोलॉजी, विभिन्न उप-उष्णकतिबंधीय फलों और उपयुक्त किस्मों से मादक एवं गैर मादक पेय पदार्थों की तैयारी के लिए तरीकों का मानकीकरण, फलों के रस और मदिरा के निष्कर्षण और स्पष्टीकरण में फंगल पैक्टिक और सेल्यूलोज एन्जाइम की तैयारी और उपयोग, उष्णकटिबंधीय और शीतोष्ण मशरूम की खेती के लिए इष्टतम स्थितियों का मानकीकरण, अवशिष्ट विषाक्तता के भण्डारण और आकलन के दौरान नुकसान को कम करने के लिए फलों की पूर्व फसल और फसल कटाई के बाद कवकनाशी उपचार और गुणवत्ता नियंत्रण के लिए विभिन्न खाद्य उत्पादों का सूक्ष्मजैव वैज्ञानिक विश्लेषण आदि से संबंधित प्रश्न पूछे जायेंगे ।
( 14 ) – क्राफ्ट प्रशिक्षक-
शिल्पकला (क्राफ्ट) का इतिहास, शिल्पकला ( काफ्ट) की विभिन्न के प्रकार, शिल्पकला ( काफ्ट) में प्रयुक्त होने वाली सामग्री, ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में शिल्पकला ( काफ्ट) की उपयोगिता, शिल्पकला (क्राफ्ट) के लाभ, ग्रामीण अर्थव्यवस्था में शिल्पकला ( काफ्ट) की उपादेयता एवं प्रासंगिकता, सरकार द्वारा चलाई जा रही शिल्पकला ( काफ्ट) से संबंधित योजनायें तथा कार्यक्रम एवं इससे संबंधित प्रश्न पूछे जायेंगे ।
( 15 ) – नर्स / कम्पाउडर / हा०वार्डेन-
बायो साइन्स, नर्सिंग फाउन्डेशन्स, फर्स्ट एड कम्यूनिटी हेल्थ नर्सिंग, इन्वायरमेंटल हाईजिन, मेडिकल सर्जिकल नर्सिंग, चाइल्ड हेल्थ एजूकेशन एण्ड कम्यूनिकेशन स्किल, न्यूट्रीशियन, मिडवाइफरी एण्ड गाइनोक्लोजिकल नर्सिंग, मेंटल हेल्थ नर्सिंग, नर्सिंग एजूकेशन, नर्सिंग एडमिनिस्ट्रेशन एण्ड वार्ड मैनेजमेन्ट तथा दृष्टिबाधित मूकबधिर, मानसिक मंदित एवं शारीरिक रूप से विकलांग छात्र / छात्राओं / संवासियों को शुद्ध व पोषणीय भोजन उपलब्ध कराना उनके रहन सहन कपड़े बिस्तर परिसर की साफ सफाई का अनुश्रवण करना एवं स्वास्थ्य परीक्षण / अभिलेखों को संरक्षित करने से सम्बन्धित प्रश्न पूछे जायेंगे |
(16) – ट्रेसर (अनुरेखक ) –
परिमाप (वर्ग, आयत, त्रिभुज, समान्तर चतुर्भुज, समलम्ब चतुर्भुज, सम चतुर्भुज, वृत्त) क्षेत्रफल (वर्ग, आयत, त्रिभुज, समान्तर चतुर्भुज, समलम्ब चतुर्भुज, सम चतुर्भुज, वृत्त त्रिज्यखण्ड, वृत्तखण्ड का क्षेत्रफल ) आयतन (घन व घनाभ, गोला, बेलन, शंकु), पाइथागोरस प्रमेय, क्षेत्रफल इकाई परिवर्तन, अंकगणित ( अनुपात व समानुपात, प्रतिशतता, लाभ-हानि, साधारण ब्याज व चक्रवृद्धि ब्याज, औसत, लघुतम समापवर्त्य, महत्तम समापवर्तक) ।
( 17 ) – हवलदार इंस्ट्रक्टर
मूल विधि एवं संविधान, भारतीय संविधान का सामान्य ज्ञान – संविधान का उद्देश्य, मौलिक अधिकार एवं कर्तव्य, संसदीय व्यवस्था, केन्द्रीय एवं प्रदेशीय सरकारों का निर्माण एवं उनके अधिकारों का निर्धारण, कानून बनाने का अधिकार संविधान संशेधन की प्रक्रिया एवं सीमायें, सांसदों के चुनाव की प्रक्रिया, रिट व्यवस्था, संवैधानिक अनुसूचियां, राष्ट्रीयता, संघीय एवं प्रादेशिक न्याय पालिकाओं का गठन, अखिल भारतीय सेवायें एवं उनकी चयन पद्धति आदि के विषय में सामान्य ज्ञान । सामाजिक विधियों का समान्य ज्ञान – महिलाओं, बच्चों, अनुसूचित जाति के सदस्यों आदि को संरक्षण देने सम्बन्धी विधिक प्राविधान, यातायात नियमों, पर्यावरण संरक्षण, वन्य जीव संरक्षण, मानवाधिकार संरक्षण साइबर आपराध, जनसूचना का अधिकार, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, जनहित याचिका, अपराध दण्ड के सिद्धान्त, नैसर्गिक न्याय के सिद्धान्त, आत्मरक्षा का अधिकार संबधी कानून तथा NDRF & SDRF सम्बन्धित विषय से प्रश्न पूछे जायेंगे ।
(18) फिजियोथेरेपिस्ट
इन्ट्रोडक्शन टू फिजियोथेरपी एण्ड एनॉटमी, एलेमेन्ट्री नर्सिंग, एलेमेन्ट्री बायोकेमेस्ट्री, पैथालॉजी एण्ड माइक्रोबायोलॉजी, हाईजीन एण्ड सेनीटेशन, न्यूट्रीशिन एण्ड डाइटिक्स, फर्स्ट – एड, हयूमन रिलेशन्स, मेडिकल एण्ड सर्जिकल नर्सिंग, इक्यूपमेंट मैनेजमेन्ट, पैथालॉजी, आर्थोपेडिक्स, मसाज मैनीपुलेशन, एक्सरसाइज एण्ड फिजिकल ड्रिल एण्ड योगा, फार्माक्लॉजी, एलेमेन्ट्री फिजिक्स एण्ड माइनर काफ्टस, आक्यूपेशनल थेरेपी, हाईड्रोथेरेपी, फिजिक्स ऑफ लाइट्स एण्ड लाइट थेरेपी, फिजिक्स ऑफ हीट एण्ड हीट थेरेपी, फिजिक्स ऑफ इलेक्ट्रीसिटी एण्ड इलेक्ट्रोथेरेपी ।
( 19 ) – सिनेमा आपरेटर कम प्रचार सहायक
वीडियो प्रोडक्शन क्या है, वीडियो प्रोडक्शन की प्रक्रिया – प्री प्रोडक्शन व पोस्ट प्रोडक्शन, विचार का महत्व / शोध की अवधारणा, वीडियो कैमरा, वीडियों का परिचय, वीडियो कैमरे के भाग व उनके कार्य, बुनियादी शॉट्स, वीडियो कैमरा मूवमेन्ट, दृश्य सम्पादन, सम्पादन उपकरण, दृश्य सम्पादन के प्रकार, दृश्य सम्पादन का व्याकरण, वीडियो लाइटिंग, शहरीकरण एवं वैश्वीकरण का ग्रामीण, समाज का प्रभाव, ग्रामीण समाज की समस्यायें, ग्रामीण विकास के लिए शासन की नीतियाँ, ग्रामीण प्रसारण का इतिहास, विकास संबंधी मुद्दे – स्वास्थ्य, शिक्षा, आधारभूत संरचना, सामाजिक विवाद, आकाशवाणी के विकास प्रसारण, साइट परियोजना, दूरदर्शन के क्षेत्र आधारित कार्यक्रम, ग्रामीण विकास संबंधी कार्यक्रम, प्रसारणों का विकास कार्यों पर प्रभाव, विकास प्रसारणों की आयोजन, ग्राफिक्स एक्सीलेटर कार्ड, ए.जी.पी.रेम, स्कनर्स, वीडियो, साउण्ड के प्रकार, मल्टीमीडिया – ग्राफीक्स, टेक्सट, वीडियो साउण्ड (आवाज) का परिचय, एनिमेशन, माइक्रोफोन, माइक्रोफोन की संरचना, टेप रिकार्डर, रिकार्डर की संरचना, एनालागव डिजिटल रिकार्डर, डीएटी और अल्ट्रा पोर्टेबल रिकार्डर, पीपी व यूव मीटर, ध्वनि नियंत्रण
उपकरण, डिजिटल रिकार्डिंग की अवधारणा, प्रतिदर्शन, समघातिकरण, कूल एडिट व साउण्ड फोर्ज से परिचय, इक्वलाइजर, फिल्टर, गुंजायमानता, डिले, वेग, शोर, लघुकरण प्रक्रिया |
( 20 ) – कनिष्ठ प्रयोगशाला सहायक-
भौतिक विज्ञान- पदार्थ, बल, घनत्व, चाल, गति, त्वरण, दाब, आयतन प्रकाश, वैद्युत, ध्वनि । रसायन – विज्ञान – यौगिक, अणु, मिश्रण, अम्ल, क्षार, अणुभार तत्वों के प्रकार । जीव विज्ञान – रक्त कोशिका, डी०एन०ए०, शरीर संरचना में अंगों का सामान्य ज्ञान । सामान्य गणित- औसत, प्रतिशत, आकृतियों का क्षेत्रफल, आयतन इत्यादि से संबंधित हाई स्कूल स्तर के सामान्य प्रश्न पूछे जायेंगे ।
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